बहमनी सल्तनत – दक्कन में इस्लामी शक्ति का उदय UPSC, SSC, PSC परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण

बहमनी सल्तनत – दक्कन में इस्लामी शक्ति का उदय

परिचय

बहमनी सल्तनत (1347-1527) भारतीय उपमहाद्वीप के दक्षिणी क्षेत्र में स्थापित एक शक्तिशाली इस्लामी सल्तनत थी। यह सल्तनत दक्कन के बहुसांस्कृतिक परिदृश्य का महत्वपूर्ण हिस्सा थी और अपने स्थापत्य, प्रशासनिक व्यवस्था, कला, और सैन्य रणनीति के लिए प्रसिद्ध रही।


बहमनी सल्तनत की स्थापना और विकास

बहमनी सल्तनत की स्थापना

  • स्थापना वर्ष: 1347 ई.
  • संस्थापक: हसन गंगू (आला-उद-दीन बहमन शाह)
  • राजधानी: गुलबर्गा (बाद में बीदर)
  • मूल उद्देश्य: दिल्ली सल्तनत के तुगलक शासन के विरुद्ध स्वतंत्र सत्ता स्थापित करना।

प्रमुख शासक और उनके योगदान

1. अला-उद-दीन बहमन शाह (1347-1358)

  • दिल्ली सल्तनत के तुगलक शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की।
  • गुलबर्गा को राजधानी बनाया।
  • दक्षिण भारत में इस्लामी शासन की नींव रखी।

2. मुहम्मद शाह-I (1358-1375)

  • प्रशासनिक सुधार किए।
  • दिल्ली सल्तनत और विजयनगर साम्राज्य के साथ संघर्ष जारी रखा।

3. फिरोज शाह बहमनी (1397-1422)

  • सांस्कृतिक और स्थापत्य उन्नति की।
  • हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा दिया।
  • बीदर को राजधानी बनाया।

4. अहमद शाह-I (1422-1436)

  • दक्कन में इस्लामी संस्कृति को मजबूती दी।
  • सैन्य विस्तार किया।

5. महमूद गवां (1461-1481)सल्तनत का स्वर्ण युग

  • प्रशासनिक और सैन्य सुधार लागू किए।
  • मदरसों, पुस्तकालयों और विज्ञान केंद्रों की स्थापना की।
  • कर प्रणाली को व्यवस्थित किया।
  • हिंदू-मुस्लिम समन्वय को बढ़ावा दिया।

बहमनी सल्तनत की प्रशासनिक व्यवस्था


बहमनी सल्तनत की सांस्कृतिक और स्थापत्य धरोहर

स्थापत्य कला

  • गोल गुम्बज (बीजापुर) – दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गुंबद।
  • महमूद गवां मदरसा (बीदर) – इस्लामी शिक्षा का प्रमुख केंद्र।
  • गुलबर्गा किला – सुदृढ़ सैन्य संरचना।
  • बीदर का बारादरी और रंगीन महल – राजकीय भवन और दरबार।

साहित्य और शिक्षा

  • फारसी, अरबी और दक्कनी भाषा का विकास।
  • प्रसिद्ध इतिहासकारों और विद्वानों का संरक्षण।
  • बहमनी शासकों द्वारा इस्लामी और हिंदू संस्कृति को संरक्षण।

बहमनी सल्तनत और विजयनगर साम्राज्य के संघर्ष

  • 14वीं और 15वीं शताब्दी में बहमनी सल्तनत और विजयनगर साम्राज्य के बीच निरंतर युद्ध हुए।
  • प्रसिद्ध रक्कसगी-तंगडी (तालिकोटा) युद्ध (1565) में बहमनी सल्तनत के उत्तराधिकारी राज्यों ने विजयनगर को पराजित किया।

बहमनी सल्तनत का पतन

  • कारण:
    • आंतरिक विद्रोह और दरबारी षड्यंत्र।
    • मुहम्मद गवां की हत्या के बाद प्रशासनिक अव्यवस्था।
    • प्रांतीय गवर्नरों का विद्रोह।
    • पाँच स्वतंत्र सल्तनतों में विभाजन:
      1. बिजापुर सल्तनत
      2. गोलकुंडा सल्तनत
      3. बेरार सल्तनत
      4. बिदर सल्तनत
      5. अहमदनगर सल्तनत

निष्कर्ष

बहमनी सल्तनत दक्षिण भारत में इस्लामी शासन की एक महत्वपूर्ण कड़ी थी। इसका प्रभाव बाद की सल्तनतों और मुगल साम्राज्य पर पड़ा। इस सल्तनत ने सांस्कृतिक, प्रशासनिक, और स्थापत्य धरोहर में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जो आज भी इतिहासकारों और शोधकर्ताओं के अध्ययन का विषय है।


FAQs (Frequently Asked Questions)

  1. बहमनी सल्तनत की स्थापना किसने की थी?

    • हसन गंगू (अला-उद-दीन बहमन शाह) ने 1347 में इसकी स्थापना की।
  2. बहमनी सल्तनत की राजधानी कहाँ थी?

    • पहले गुलबर्गा और बाद में बीदर।
  3. बहमनी सल्तनत किन-किन राज्यों में विभाजित हुई?

    • बिजापुर, गोलकुंडा, बेरार, बिदर, और अहमदनगर।
  4. महमूद गवां कौन थे?

    • वे बहमनी सल्तनत के प्रभावशाली वज़ीर थे, जिन्होंने प्रशासनिक और शैक्षिक सुधार किए।
  5. बहमनी सल्तनत का अंत कैसे हुआ?

    • आंतरिक संघर्ष और विभाजन के कारण इसका पतन हुआ और यह पाँच स्वतंत्र सल्तनतों में बंट गई।

📢 Join Our Telegram Group – Sarkari Service Prep™ 📌 सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं? नवीनतम अपडेट, क्विज़ और स्टडी मटेरियल प्राप्त करें! 🔗 Join Now – Sarkari Service Prep™


Sources & References:

🚀 अगर यह लेख उपयोगी लगा तो इसे शेयर करें और Sarkari Service Prep™ के साथ अपनी सफलता की यात्रा शुरू करें!🚀

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भारतीय संविधान: लोकतंत्र का आधार और मार्गदर्शक

मध्यकालीन भारत: विस्तृत लेखों की सूची

भारत का भौगोलिक परिचय: स्थिति, विस्तार और रणनीतिक महत्व | UPSC भूगोल