मोहम्मद बिन तुगलक – नीतियाँ, असफलताएँ और शासनकाल | संपूर्ण जानकारी

तुगलक वंश – मोहम्मद बिन तुगलक और उसकी 

मोहम्मद बिन तुगलक की नीतियाँ, उसकी असफलताएँ और शासनकाल की प्रमुख घटनाओं पर शोध-आधारित विस्तृत लेख। UPSC, SSC, और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी।


📖 तुगलक वंश का परिचय

तुगलक वंश की स्थापना गयासुद्दीन तुगलक ने 1320 ई. में की थी। इस वंश का सबसे चर्चित शासक मोहम्मद बिन तुगलक था, जो अपनी असफल नीतियों और नवाचारों के लिए प्रसिद्ध था।

🔹 प्रमुख तुगलक शासक:

  1. गयासुद्दीन तुगलक (1320-1325 ई.) – इसने साम्राज्य को संगठित किया और दिल्ली में तुगलकाबाद किले का निर्माण करवाया।
  2. मोहम्मद बिन तुगलक (1325-1351 ई.) – बौद्धिक और दूरदर्शी शासक था, लेकिन उसकी योजनाएँ अकसर असफल रहीं।
  3. फिरोज शाह तुगलक (1351-1388 ई.) – इसने कल्याणकारी कार्य किए और कई नगरों की स्थापना की।

🔹 मोहम्मद बिन तुगलक – बुद्धिमान लेकिन असफल शासक

मोहम्मद बिन तुगलक को एक दूरदर्शी शासक माना जाता था, लेकिन उसकी अधिकांश योजनाएँ अव्यवहारिक और अत्यधिक महत्वाकांक्षी थीं।

📜 प्रमुख नीतियाँ और उनकी असफलताएँ

1️⃣ राजधानी परिवर्तन (Capital Transfer)

  • 1327 ई. में राजधानी दिल्ली से दौलताबाद (देवगिरी) स्थानांतरित की गई।
  • उद्देश्य: साम्राज्य के दक्षिणी भाग को सुदृढ़ करना।
  • असफलता: कठिन यात्रा, संसाधनों की कमी, जनता का विरोध।
  • परिणाम: राजधानी को पुनः दिल्ली लाया गया।

2️⃣ टोकन मुद्रा प्रचलन

  • 1329-30 ई. में तांबे और पीतल के सिक्के जारी किए गए।
  • उद्देश्य: सोने-चाँदी की कमी को पूरा करना।
  • असफलता: जाली मुद्रा का व्यापक प्रचलन।
  • परिणाम: सरकार को सारे सिक्के वापस लेने पड़े, जिससे आर्थिक संकट उत्पन्न हुआ।

3️⃣ खुरासान और काराचिल अभियानों की विफलता

  • मोहम्मद बिन तुगलक ने खुरासान और हिमालयी क्षेत्रों को जीतने का प्रयास किया।
  • असफलता: कठिन भौगोलिक परिस्थितियाँ और सैनिकों का मनोबल गिरना।
  • परिणाम: भारी धन और जनहानि।

4️⃣ दोआब क्षेत्र में भारी कर वृद्धि

  • गंगा-यमुना दोआब क्षेत्र में किसानों पर कर बढ़ाया गया।
  • असफलता: अकाल और किसान विद्रोह।
  • परिणाम: कृषि उत्पादन गिरा, कर संग्रह असफल रहा।

5️⃣ दीर्घकालिक सैन्य सुधार

  • सेना को बढ़ाने और नई तकनीकों को अपनाने की योजना बनाई।
  • असफलता: संसाधनों की कमी और प्रशासनिक अक्षमता।

🗺️ तुगलक काल का प्रशासनिक ढाँचा

  • केंद्रीय प्रशासन: शासक सर्वोच्च था।
  • प्रांतीय प्रशासन: गवर्नर नियुक्त किए जाते थे।
  • न्याय प्रणाली: कठोर दंड व्यवस्था लागू थी।
  • सैन्य व्यवस्था: सेना में घुड़सवारों की संख्या बढ़ाई गई।

📊 प्रमुख आर्थिक और सामाजिक प्रभाव


🎨 तुगलक काल की कला और स्थापत्य

तुगलक वंश की स्थापत्य शैली सादा, मजबूत और व्यावहारिक थी। प्रमुख निर्माण कार्य:

  • तुगलकाबाद किला (गयासुद्दीन तुगलक)
  • बिगड़ा हुआ मकबरा (मोहम्मद बिन तुगलक)
  • फिरोज शाह कोटला (फिरोज शाह तुगलक)

🧐 इतिहासकारों की राय

  • बरनी: मोहम्मद बिन तुगलक "अत्यधिक बुद्धिमान लेकिन अव्यवहारिक" था।
  • एलियट और डाउसन: उसकी नीतियाँ असफल रहीं लेकिन वह अपने समय से आगे सोचता था।

❓ FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

1️⃣ मोहम्मद बिन तुगलक की सबसे असफल नीति कौन-सी थी?

  • राजधानी परिवर्तन और टोकन मुद्रा प्रचलन उसकी सबसे बड़ी असफलताएँ थीं।

2️⃣ फिरोज शाह तुगलक का योगदान क्या था?

  • उसने कई नहरें बनवाईं, दास प्रथा को प्रोत्साहित किया, और अनेक नगरों की स्थापना की।

3️⃣ तुगलक काल की प्रमुख इमारतें कौन-सी हैं?

  • तुगलकाबाद किला, फिरोज शाह कोटला और जामी मस्जिद।

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📌 निष्कर्ष

मोहम्मद बिन तुगलक एक असाधारण लेकिन असफल शासक था। उसकी योजनाएँ शानदार थीं लेकिन क्रियान्वयन में कई कमियाँ थीं। इतिहासकारों की नजर में वह एक बुद्धिमान लेकिन अव्यवहारिक शासक था। तुगलक वंश के पतन का प्रमुख कारण प्रशासनिक असफलता और लगातार असफल नीतियाँ थीं।

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